Sunday, May 26, 2019

MAHARO MANN LAGYO GEETA ME | SRI GEETA

MAHARO MANN LAGYO GEETA ME | SRI GEETA


हरी के मुख सुं गीता उपजी, कीण कीण रे मन भाई राम। 
म्हारो मन लाग्यो गीता में 
महांने गीता जी रा पाठ प्यारा लागे राम। 
महांने रामायण जी रा पाठ प्यारा लागे राम।।
म्हारो मन........

अर्जुन मन लाग्यो, कुन्ती मन लाग्यो। 
रथ हांकन हरि आयो राम।।
म्हारो मन........ 

1) पहलो अध्याय ऋषि मुनि मन लाग्यो। 
म्हारो हृदय में ज्योति जगाओ राम।।
म्हारो मन........

2) दुसरो अध्याय ज्ञानी गुरुजी सीखायाे। 
म्हाने आसन मरनो सीखयो राम।।
म्हारो मन........

3) तीसरो अध्याय त्रिलोकी म्हारो सांवरो। 
म्हाने त्रिभुवन रुप दिखायो राम।।
म्हारो मन........

4) चौथो अध्याय चतुर्भुज सांवरो। 
म्हाने चतुर्भुज रुप दिखायो राम।।
म्हारो मन........

5) पांचवो अध्याय पंचतत्व समझावे।  
काम, क्रोध, मद, लोभ मिटावो राम।।
म्हारो मन........

6) छठो अध्याय छबीलो म्हारो सांवरो। 
म्हारो छेल छबीलो कहलायो राम।।
म्हारो मन........

7) सातवों अध्याय सतसंग समझावे। 
झूट कपट सब छोडो राम।।
म्हारो मन........

8) आठवों अध्याय अठहत्तर माला फेरो। 
कट ज्यावे जीव रा जंजाल राम।।
म्हारो मन........

9) नवों अध्याय नर नारायण 

10) दसवों में खुलज्याव दरवाजा राम 
म्हारो मन........

11) ग्याहरवों अध्याय विराट रुप धरयो, अर्जुन रो भ्रम मिटायो राम। 
कह कृष्ण सुन सखा अर्जुन, अजर अमर आत्मा है राम।।
इण आत्मा ने अस्त्र नहीं काटे न कोई आग जलावे न कोई 
नीर भीगावे न कोई पवन सुखावे राम 
झूठी काया झूठी माया झूठो है सारो संसार राम।।
म्हारो मन........

12) बारहवों अध्याय बार बार समझावे। 
अर्जुन रो भ्रम मिटायो राम।।
म्हारो मन........

13) तेरहवों अध्याय त्रिलोकी म्हारो सांवरो। 
म्हाने पग पग समझावे राम।।
म्हारो मन........

14) चौदहवों अध्याय चौरासी कट ज्यावे। 
फेर गर्व नहीं आवे राम।।
म्हारो मन........

15) पन्द्रहवों अध्याय पीपल नीचे पढ़ायो। 
विष्णु भगवान म्हाने मिल गया राम।।
म्हारो मन........

16) सोलहवों अध्याय सब सार बतावे। 
अर्जुन रो हृदय घीरवायो राम।।
म्हारो मन........

17) सत्रहवों अध्याय सतसंग में पढयो। 
गुरुजी रो ज्ञान सीखायो राम।।
म्हारो मन........

18) अठारवां अध्याय गंगा तट पढयो। 
धुल गया सारा पाप म्हारा राम।।
म्हारो मन........
जो कोई अठारह अध्याय मन सुं गावे 
ज्यारां जन्म मरण छुट ज्यावे राम।।
धुल गया सारा पाप म्हारा राम।।
म्हारो मन........

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