Wednesday, March 6, 2019

VINDHYESHWARI DEVI KI AARTI विन्ध्येश्वरी देवी की आरती (सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी) WITH LYRICS IN HINDI

विन्ध्येश्वरी देवी की आरती 


सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी,तेरा पार न पाया।।टेक।।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेंट चढ़ाया।।सुन० 
सुवा चोली तेरे अंग विराजै, केसर तिलक लगाया।।सुन० 
नंगे पग अकबर आया, सोने का छत्र चढ़ाया।।सुन० 
ऊंचे पर्वत भयो देवालय, नीचे शहर बसाया।।सुन० 
सतयुग, त्रेता द्वापर मध्ये, कलियुग राज सवाया।।सुन०
धुप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया।।सुन०
ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गावैं, मनवांछित फल पावैं।।सुन०

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