GANGAUR GEET | TERI AANKHYA KA YE KAJAL
तर्ज : तेरी आँख्या का ये काजल
यो परब सुहानों पावन, घणी ख़ुशी सूं झूमे आंगण -२
माँ रुनक - झुनक जद आवे, ईमरत बरसे मन - भावन
हो रमे हिल - मिल हिल -मिल सखियाँ मंगल गावे सै
( होय ) थारों रुप निरख मन सरसे हरख मनावे सै -२
यो परब सुहानों पावन...
वंदन कर गीतो में, मनवार मनवो जी
चन्दन केशर रोली सूं, श्रृंगार सजावो जी -२
खड़ी तीजणी उड़िके, खोलो पट बाड़ीवाला
महारी मायड़ सूं मिलवादो, पूजन आई है बाला
हो थारी चम-चम-चम-चम चुनड़ यूं लहरावे सै
( होय ) थारी चरण - कमल मे लूटके, भव - तर जावें सै -२
यो परब सुहानों पावन...
बिकणों - जोधाणों, कर्णावती झूमे जी
केशरिया रंग पेचों, माथे मुलकावे जी -२
अजी चन्दन चौक पुरायों, अरबी बाजा बजवायो
गाजे-बाजे मरुधारा, सबरों मनड़ो हरसायों
हो थारी रुण-झुण झांकी, गवरल सोवे सै
( होय ) मांड्यो गवरल रो मेलो, जनता आवे सै -२
यो परब सुहानों पावन...
युग युग स्वर्णीमें गूँजे, जयगाथा भारत री
त्याग समर्पण सेवा, संस्कृति है भारत री
सर्वे भवन्तु सुखिनः दुनिया ने पाठ पढायों
कान्हा भगवत गीता में, जीवन रो सार सिखायो
हो सारो जन-गण जन-गण चहके, "जय हो " गावे सै
( होय ) वेश तिरंगो जग मे, धूम माचवे सै -२
यो परब सुहानों पावन...
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