Sunday, May 19, 2019

GANGAUR GEET | EK PYAAR KA NAGMA HAI

GANGAUR GEET

तर्ज : इक प्यार का नगमा है 

सुख साज सजाया है, धरती मुस्काई है। 
झूमे गावे नर नारी, माँ गवरादे आई है।।

गिगनार नमै नीचे, किरत्याँ रंग ढलकावै। 
रुत रमक-झमक नाचै, मन पंछी सुर लावै। 
अणघड़ दिन दिन रात घड़ै, बिणगत बिलमाई है  ।।झूमे गावे।।

मझघार नै तट निरखै, समदर नै गहराई। 
प्राणों नै प्रीतडली, अन्तस री अणमाई। 
स्वर शब्द रचे, राचै, रसना भरमाई है   ।।झूमे गावे।।

धोरों में नहर्यो रो, निर्मल जल रम जासी,
मखमल सी हरियाली, मरुधर में इठलासी। 
अनधन निपजवाणरी आशा उमगाई है   ।।झूमे गावे।।

माटी री देवल में, कण आवे जावे है,
उलझन सुलझादे माँ, अब क्यूँ तरसावे है। 
हर बरस परब आवे, पण तूँ नहीं आई है   ।।झूमे गावे।।

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