GANESH VANDANA
हो बाजे रुणक झुणक पग नेवर बाजे,
म्हारो गजानंद नाचे।।
पिता तुम्हारा है शिवशंकर, नंदीश्वर साजे -२
मात तुम्हारी है श्री गिरिजा -२, सिंह चढ़ी गाजे ।।रुणक।।
सूँड सुँडला, दूँड दूँडाला, एकदन्त साजे -२
गल पुष्पन की माल विराजे -२, कोटि काम लाजे ।।रुणक।।
विघ्न निवारण मंगल कारण, राजनपति राजे -२
तुलसीदास गणपति को सुमिरे -२, दुःख दरिद्र भाजे ।।रुणक।।
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