Friday, May 17, 2019

GANGAUR GEET | IN HAWAO ME IN PHIJAO ME

GANGAUR GEET 

तर्ज : इन हवाओं में इन फिजाओं में 

गीतों के गाँवो में, सरगम की छाहों में -२ 
खुशियाँ मनाये, गायें तराने,
आवो-आवो रे, खुशियाँ मनाये, गायें तराने।।

मंजरियों की मुस्कानों ने, मधुपों को संदेश पठाये-२ 
मस्त तितलियों की बाहों में, फूलों ने रस-संग लुटाये।।
गंधो की चाहों में, रंगों की आहों में,
खुशियाँ मनाये, गायें तराने।।आवो-आवो रे।।

लहरें उमगी, चूम किनारे, मनचाही अठखेली करती-२ 
रुप तरणियाँ, भाव सिन्धु में अनचाही नित भटकी तिरती।।
बुद-बुद के दावों में, फेनों के घावों में -२  
खुशियाँ मनाये, गायें तराने।।आवो-आवो रे।।

मानसरोवर के मानस को, मलय मोहिनी मोह रही है -२ 
मुक्त सीपियों की तृष्णायें, स्वाति क्षणों को जोह रही है।।
सपनों की नावों में, संगी बहावो में, -२ 
खुशियाँ मनाये, गायें तराने।।आवो-आवो रे।।

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