Thursday, May 16, 2019

GANGAUR GEET | CHUDI JO KHANKE

GANGAUR GEET

तर्ज : चूड़ी जो खनके 

धन धन म्हारा भाग है, कोई मनड़ो करे किलोल,
गवरल आई रे।
घर घर वन्दनवार सजे, श्रद्धा रा मन भाव जगे,
परब सोवणो आयो है, सुख री मंगल बीण बजे,
उगतो सूरज लाईयो, कोई गवर पुजनतारा बोल 
गवरल आई रे। धन धन..... 

गली गली घुड़लो घुमे, लोग लुगांया सब झूमे,
घूमर घाले नाचे है, टाबरिया हरखे लूमे,
ताल तलयाँ पर मची -२, कोई सागीडी रमझोल,
गवरल आई रे। धन धन..... 

ऐ तिवार जद भी आवै, माणस दुःखडा बिसरावै,
हिल मिल कर वन्दन गावें, भेद-भाव सब मिट जावै,
वैर-भाव विसराय दे -२, कोई मीठी वाणी बोल,
गवरल आई रे। धन धन.....

मनड़ो तो हरख्यों डोले, माता री जय जय बोले,
आशा रा नव दीप जले, नव उमंग रा सुर बोले,
अन धन देसी मोकलों, कोई देसी वर अनमोल,
गवरल आई रे। धन धन..... 

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