GANGAUR GEET
तर्ज : इंजन की सीटी में
गवरल पुजण न म्हारो मन डोले -२
आयी ईशर रे -२ साथे गवरा होले -होले -२
गवरा आई चैता माई -२ सब पुजण चाले
दूब पुष्प और माला लेकर, हाथ पुजा री थाली -२
गावो गीत -२ सहेल्या मिल होले-होले
गवरल....
रुण झुण करती गवरा आई -२, खुब करां मनुहार
लाडू पेड़ा सरस जलेबी, मालपुवा तैयार -२
थारे भोग -२ लगावा मैं तो होले - होले
गवरल....
तीज रो दिन सरवर चाला -२, पानीडो पिलवा
सब सखीया रे सागे मिलकर, मैं तो मौज मनावा -२
मैं तो गोठ -२ मनावा देखो होले -होल
गवरल....
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