GANGAUR GEET
तर्ज : म्हारे हिवड़े में
सारी नगरी में रमझोल, गवरादे आई
टाबरिया करे किलोल, गवरादे आई
मन मुस्काती, सुख सरसाती, हरख लुटाती आई
सारी नगरी में....
ऐ परब सोवणा आवे तो, सबरों हिवड़ो हरखावे है -२
मन में उमंग भर मोद करे, सगला दुःखड बिसरावे है,
धन्य माईताँ, इण जगती में, ऐसी रीत चलाई
सारी नगरी में....
कुआँ बावड़ी ताल तलैया, मेला मगरिया लागै -२
कैरी चूड़ियां खनक रई तो, कैरी बंगड़ियाँ बाजै,
छन छन छन छन बाजै पायल, चुनडयाँ है लहराई
सारी नगरी में....
ईन्द्र धनुष में सात रंग, गवरयाँ में नौ रंग सोवे -२
नव-निध सूँ भंडार भरो, और ज्ञान री जोत जगाओ
नवी सदी में, नवी प्रीत रो, शुभ वर दे दो माई
सारी नगरी में....
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